सब कुछ बदल रहा है सिवाय माँ के ....
-दुनिया की नज़रों में
बेटा बड़ा हो रहा है /
माँ की नज़र में तो
उसका कपड़ा छोटा हो रहा है !
माँ के आशीष का विस्तार इन पंक्तियों में प्रकट करने का प्रयास कर रहा हूँ -
-घर से दूर भी
घर का पता
साथ चल रहा है /
घर में माँ के हाथों
जलाया दीप
जल रहा है !
बच्चों की सलामती के लिए माँ क्या कुछ नहीं करती ,एक बानगी -
-मेरी खेरियत की
दुआ माँ करती है /
आज भी पकाई पहली रोटी
गाय को अर्पण करती है !
माँ का आशीष सभी ब्लोगर्स पर सदेव बरसता रहे इन्ही शुभकामनाओं के साथ ........
सुधीर
1 टिप्पणी:
great yaar
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