शनिवार, 13 नवंबर 2010

    श्री श्री ब्लॉगनाथ महाराज को
          अर्पित स्तुति छंद

 -   जेहि विधि होय हित मोरा 
     नाथ तुम्हें वो करना है !
     थोड़ा ही सही
     लिफ्ट तुम्हें ब्लॉग मेरा करना है !!

-    हे कलम -शब्दों के स्वामी
     मुझे भरोसा तेरा है !
     अच्छी -बुरी सब रचनाओं का
     एक तु ही तो डेरा है !!

-   'बढ़िया है' 'अच्छी है'
    रचनाओं पर हे नाथ
    टिप्पणी मिली कई बार !
    भिन्न मिले टिप्पणी
    बस  यही मुझको दरकार !!

-   सौंप दिया तुझको शब्द-धन
    फिर क्यूं चिंता फिकर करू !
    दिल का हाल सुने दिलवाला
    बस यही तो मैं अरज करू !!