आगाज़...
थोड़ी खट्टी थोड़ी मीठी गुफ्तगू !
बुधवार, 9 फ़रवरी 2011
वसंत एवं पतझड़ की प्रतिक दो भाव संक्षिप्तियाँ प्रस्तुत है -
1
उसके आँचल
में सिमटी
सारी तितलियाँ
उड़ पड़ती है /
जब मेरे
ख्यालों में
वो खिल पड़ती है !
2
उसके खतों से
अक्षर उड़ चले.....
इबादत का
सामान
अब कहाँ ...........?
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