आगाज़...
थोड़ी खट्टी थोड़ी मीठी गुफ्तगू !
सोमवार, 14 जून 2010
इस हाथ ले
उस हाथ
दे
की तिजारत
करती है
तय
उम्र रिश्तो की...
भूल चुक
लेनी देनी /
राम नाम सत्य है
की ध्वनि छोड़
कब रुखसत
हो जाएगा
रिश्ता
कोई जानता नहीं !
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