वाह सुधीर भाई..मज़ा आ गया पढने में..। अजी इतने दिनो% तक क्यों गुमसुम बैठे रहे? लिखते हो, कामर्स का व्यक्ति भी लिखता है..खूब लिखता है भाई..., सोच डरो मत..न सावन देर करेगा न उनके आने में देर होगी...।
- अब अपनी बात- इधर काफी परेशान हूं..सो ऐसएमएस आदि के उत्तर दे नहीं सका, आजीविका में स्पीडब्रेकर आ गये हैं सो गाडी धीमी गति से ही नही बल्कि फिलहाल रुक सी गई है। मज़ा है यह अलग किस्म का। खैर..फिर उठूंगा, दौडूंगा, भागूंगा..तय है..। सफलता कदम चूमेगी..विश्वास है। मगर तब तक उलझने भी, संघर्ष भी।
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वाह सुधीर भाई..मज़ा आ गया पढने में..। अजी इतने दिनो% तक क्यों गुमसुम बैठे रहे? लिखते हो, कामर्स का व्यक्ति भी लिखता है..खूब लिखता है भाई..., सोच डरो मत..न सावन देर करेगा न उनके आने में देर होगी...।
- अब अपनी बात- इधर काफी परेशान हूं..सो ऐसएमएस आदि के उत्तर दे नहीं सका, आजीविका में स्पीडब्रेकर आ गये हैं सो गाडी धीमी गति से ही नही बल्कि फिलहाल रुक सी गई है। मज़ा है यह अलग किस्म का। खैर..फिर उठूंगा, दौडूंगा, भागूंगा..तय है..। सफलता कदम चूमेगी..विश्वास है। मगर तब तक उलझने भी, संघर्ष भी।
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