मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

दो कड्वें सच

किसी के
गिरेबान में
झांककर
उसकी नंगाई
उजागर मत करना /
हदबंदी करना
सियासतदारों को 
खूब आता है .....!


वो मौत से
पहले
जल गया /
दुनियांदारी
सीखने में
इतनी देर
अब ठीक नहीं ......!

1 टिप्पणी:

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी....।" वो मौत से पहले...., यह क्षणिकायें.. गंभीर हैं और यथार्थ को खोलती हैं। आपमें गज़ब की एक संवेदनशीलता है.., आवश्यक हो जाता है कि इसे उकेरते रहें...।