दो कड्वें सच
१
किसी के
गिरेबान में
झांककर
उसकी नंगाई
उजागर मत करना /
हदबंदी करना
सियासतदारों को
खूब आता है .....!
२
वो मौत से
पहले
जल गया /
दुनियांदारी
सीखने में
इतनी देर
अब ठीक नहीं ......!
१
किसी के
गिरेबान में
झांककर
उसकी नंगाई
उजागर मत करना /
हदबंदी करना
सियासतदारों को
खूब आता है .....!
२
वो मौत से
पहले
जल गया /
दुनियांदारी
सीखने में
इतनी देर
अब ठीक नहीं ......!
1 टिप्पणी:
सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी....।" वो मौत से पहले...., यह क्षणिकायें.. गंभीर हैं और यथार्थ को खोलती हैं। आपमें गज़ब की एक संवेदनशीलता है.., आवश्यक हो जाता है कि इसे उकेरते रहें...।
एक टिप्पणी भेजें