थोड़ी खट्टी थोड़ी मीठी गुफ्तगू !
बचपन वापस भी नहीं मिलता...
बहुत ही संवेदनशील ... बचपन का सामान और खुच यादें ... बस यही तो रहता है बुढापे में इंसान के पास .... गज़ब का लिखा है ...
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2 टिप्पणियां:
बचपन वापस भी नहीं मिलता...
बहुत ही संवेदनशील ... बचपन का सामान और खुच यादें ... बस यही तो रहता है बुढापे में इंसान के पास .... गज़ब का लिखा है ...
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