शनिवार, 31 जुलाई 2010

खाली पेट के चूहें

खाली पेट के चूहें
भला चिथड़ो में
कहाँ कैद हो पाते
उछलकर बाहर
आ ही जाते है /
तथाकथित निगह-बानों
के शिकार बनते ही
इन चूहों की दुम
काट दी जाती है /
बाज़ार में बिकते फिर
इन्हें देर नहीं लगती /
पिन्जरेदारों को भी
इन चूहों की
तलाश रहती है /
पकडे जाने पर
बनती खबरे
पढ़ी जाती है /
खाली पेट के चूहें
पैदा करने वालो की
खबर कहाँ बनती
और पढ़ी जाती है !

3 टिप्‍पणियां:

E-Guru _Rajeev_Nandan_Dwivedi ने कहा…

हा हा हा
पूंछ कटे चूहे और वे जो कि पेट से निकल कर आए हैं !!
हे राम ! क्या अद्भुत कल्पना है प्रभु.

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

खाली पेट के चूहे स्साले..। बस यही तो है इनका अर्थ। वाह सुधीर भाई, इन्हे पैदा करने वालों की खबर ठीक किसी सेरोगेट मदर की तरह है..। खैर, बहुत करारा तडका है व्यवस्था पर। कब शब्द और उम्दा प्रभाव। बढिया है सुधीर

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

ध्यान दें- *'कब' नहीं, 'कम' पढें,

कम शब्द और उम्दा प्रभाव