tag:blogger.com,1999:blog-9190034116995409194.post5388396604042137987..comments2023-09-19T05:32:55.746-07:00Comments on आगाज़...: सुधीर महाजनhttp://www.blogger.com/profile/08679052912179195911noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-9190034116995409194.post-53916784128409138362011-05-01T10:41:44.290-07:002011-05-01T10:41:44.290-07:00कहते हैं हम कि
'ठिठोली' सुन्दर है
अभी तो ...कहते हैं हम कि <br />'ठिठोली' सुन्दर है<br />अभी तो बहुत कुछ<br /><br />आपके अंदर है....।"<br /><br /><br />इस ठिठोली में मज़ा है सुधीर भाई, 'सरक' जाने को यदि दिमागी रूप से 'सरक' जाना भी पढा जाये तो भी मज़ा है, क्योंकि उसकी जगह लेने की चुनौती भी दी जा सकती है। <br />यह सचमुच अलग किस्म का लेखन है...सीधे वार रूम वाला।अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.com